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मई में कौनसी फसलें और सब्जियां बोई जा सकती है?

  • LCB Fertilizers
  • 2 days ago
  • 2 min read
mai ke mahine me konsi faslen aur sabjiyan boi jaye

भारत में मई का महीना गर्मी का समय होता है। इस दौरान तापमान बहुत ज्यादा रहता है, और कई जगहों पर  बारिश भी कम होती है।


लेकिन, भारतीय किसानों के लिए मई का महीना खेती के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस समय कुछ खास फसलें  और सब्जियां बोई जा सकती हैं, जो गर्मी को सहन कर सकती हैं और अच्छा उत्पादन दे सकती हैं। 


आज हम मई में बोई जाने वाली फसलों और सब्जियों के बारे में विस्तार से जानेंगे, जिससे किसानों को मई के महीने में खेती करने में मदद मिलेगी।


मई में भारत का मौसम और खेती की स्थिति


मई में भारत के अलग-अलग हिस्सों में मौसम अलग-अलग होता है। उत्तर भारत में जैसे पंजाब, हरियाणा, और  उत्तर प्रदेश में तापमान 35-45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। 


दक्षिण भारत में जैसे तमिलनाडु और कर्नाटक में भी गर्मी रहती है, लेकिन कुछ जगहों पर मानसून की  शुरुआत हो सकती है। पूर्वी भारत जैसे पश्चिम बंगाल और ओडिशा में गर्मी के साथ नमी भी रहती है। पश्चिमी  भारत जैसे राजस्थान और गुजरात में सूखा और गर्म मौसम होता है।


इस मौसम में खेती करने के लिए निचे दी गई कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है:


  • पानी की व्यवस्था: मई में बारिश कम होती है, इसलिए सिंचाई की अच्छी व्यवस्था जरूरी है।

  • मिट्टी की तैयारी: गर्मी में मिट्टी सूख जाती है, इसलिए खेत को अच्छे से जोतकर और नव्यकोष जैविक खाद डालकर तैयार करना चाहिए।

  • बीज का चयन: ऐसी फसलों और सब्जियों के बीज चुनें जो गर्मी को सहन कर सकें।

  • कीटों से सुरक्षा: गर्मी में कीट और बीमारियां बढ़ सकती हैं, इसलिए समय पर जैविक दवाइयों का  छिड़काव करें।


मई में बोई जाने वाली फसलें


मई में कुछ फसलें ऐसी हैं जो गर्मी में अच्छा उत्पादन देती हैं। ये फसलें भारतीय किसानों के लिए फायदेमंद हैं।आइए, इनके बारे में जानते हैं:


1. अरहर (Pigeon Pea)


अरहर या तूर दाल एक ऐसी फसल है जो गर्मी को सहन कर सकती है और मई में बोई जा सकती है। यह  फसल उत्तर और मध्य भारत में लोकप्रिय है।


  • बोने का तरीका: बीज को 4-5 सेंटीमीटर गहराई में बोएं। पंक्तियों के बीच 60-75 सेंटीमीटर की दूरी रखें।

  • सिंचाई: शुरू में हर 10-12 दिन में पानी दें। बाद में बारिश पर निर्भर किया जा सकता है।

  • उत्पादन समय: अरहर को तैयार होने में 120-150 दिन लगते हैं।

  • लाभ: अरहर दाल के रूप में उपयोग होती है और मिट्टी की उर्वरता बढ़ाती है।


2. उड़द (Black Gram)


उड़द की दाल एक छोटी अवधि की फसल है, जो मई में बोई जा सकती है। यह गर्मी और कम पानी में  अच्छी तरह बढ़ती है।


  • बोने का तरीका: बीज को 3-4 सेंटीमीटर गहराई में बोएं। पंक्तियों के बीच 30-45 सेंटीमीटर की दूरी रखें।

  • सिंचाई: उड़द को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती। 10-15 दिन में एक बार पानी देना काफी है।

  • उत्पादन समय: 60-75 दिन में उड़द तैयार हो जाती है।

  • लाभ: उड़द मिट्टी में नाइट्रोजन को बढ़ाती है और दाल के रूप में अच्छी कीमत देती है।


3. तिल (Sesame)


तिल एक ऐसी फसल है जो गर्म और सूखे मौसम में अच्छी तरह उगती है। इसे मई में बोया जा सकता है, खासकर राजस्थान, गुजरात, और मध्य प्रदेश में।


  • बोने का तरीका: बीज को 2-3 सेंटीमीटर गहराई में बोएं। पंक्तियों के बीच 45-60 सेंटीमीटर की दूरी रखें।

  • सिंचाई: तिल को कम पानी की जरूरत होती है। 10-12 दिन में एक बार पानी देना काफी है।

  • उत्पादन समय: 90-100 दिन में तिल तैयार हो जाता है।

  • लाभ: तिल का उपयोग तेल निकालने और खाने में होता है। इसकी बाजार में अच्छी मांग है।


4. सूरजमुखी (Sunflower)


सूरजमुखी गर्मी में बोई जाने वाली एक फायदेमंद फसल है। इसे मई में दक्षिण और मध्य भारत में बोया  जा सकता है।


  • बोने का तरीका: बीज को 3-4 सेंटीमीटर गहराई में बोएं। पंक्तियों के बीच 45-60 सेंटीमीटर की दूरी रखें।

  • सिंचाई: हर 8-10 दिन में पानी दें। ज्यादा पानी से बचें।

  • उत्पादन समय: 80-100 दिन में सूरजमुखी तैयार हो जाती है।

  • लाभ: सूरजमुखी के बीज से तेल निकाला जाता है और यह बाजार में अच्छे दाम पर बिकती है।


मई में बोई जाने वाली सब्जियां


मई में कई सब्जियां ऐसी हैं जो गर्मी में अच्छी तरह बढ़ती हैं। ये सब्जियां भारतीय बाजार में अच्छी कीमत देती  हैं। आइए, इनके बारे में जानते हैं:


1. टिंडा (Indian Round Gourd)


टिंडा गर्मी की एक लोकप्रिय सब्जी है। इसे मई में आसानी से बोया जा सकता है, खासकर उत्तर भारत में।


  • बोने का तरीका: बीज को 2-3 सेंटीमीटर गहराई में बोएं। पौधों के बीच 60-90 सेंटीमीटर की दूरी रखें।

  • सिंचाई: हर 5-7 दिन में पानी दें। मिट्टी को नम रखें।

  • उत्पादन समय: 50-60 दिन में टिंडा तैयार हो जाता है।

  • लाभ: टिंडा की मांग बाजार में अच्छी रहती है और इसे सब्जी के रूप में खाया जाता है।


2. चौलाई (Amaranth)


चौलाई एक पत्तेदार सब्जी है, जो गर्मी में अच्छी तरह उगती है। इसे मई में बोया जा सकता है।


  • बोने का तरीका: बीज को 1-2 सेंटीमीटर गहराई में बोएं। पंक्तियों के बीच 20-30 सेंटीमीटर की दूरी रखें।

  • सिंचाई: हर 4-5 दिन में पानी दें।

  • उत्पादन समय: 30-40 दिन में चौलाई तैयार हो जाती है।

  • लाभ: चौलाई पौष्टिक होती है और इसकी पत्तियों की बाजार में अच्छी मांग है।


3. कद्दू (Pumpkin)


कद्दू गर्मी में बोई जाने वाली एक फायदेमंद सब्जी है। इसे मई में बोया जा सकता है।


  • बोने का तरीका: बीज को 2-3 सेंटीमीटर गहराई में बोएं। पौधों के बीच 1-1.5 मीटर की दूरी रखें।

  • सिंचाई: हर 5-7 दिन में पानी दें। मिट्टी को नम रखें।

  • उत्पादन समय: 70-90 दिन में कद्दू तैयार हो जाता है।

  • लाभ: कद्दू का उपयोग सब्जी और मिठाई बनाने में होता है।


4. मूली (Radish)


मूली को मई में कुछ ठंडे क्षेत्रों में या ग्रीनहाउस में बोया जा सकता है।


  • बोने का तरीका: बीज को 1-2 सेंटीमीटर गहराई में बोएं। पंक्तियों के बीच 20-30 सेंटीमीटर की दूरी रखें।

  • सिंचाई: हर 4-5 दिन में पानी दें।

  • उत्पादन समय: 30-40 दिन में मूली तैयार हो जाती है।

  • लाभ: मूली का उपयोग सलाद और सब्जी के लिए होता है।


मई में खेती के लिए महत्वपूर्ण सुझाव


मई में खेती करते समय निचे दी गई कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है:


  1. मिट्टी की जांच: खेत की मिट्टी की जांच करवाएं। अगर मिट्टी में पोषक तत्व कम हैं, तो नव्यकोष जैविक खाद या गोबर की खाद डालें।

  2. सिंचाई का प्रबंधन: ड्रिप सिंचाई या स्प्रिंकलर सिस्टम का उपयोग करें। इससे पानी की बचत होती है।

  3. बीज की गुणवत्ता: हमेशा प्रमाणित और अच्छी गुणवत्ता वाले बीज खरीदें।

  4. कीट नियंत्रण: गर्मी में कीट और बीमारियां बढ़ सकती हैं। नीम का तेल या जैविक कीटनाशक  का  उपयोग करें।

  5. छाया की व्यवस्था: छोटे पौधों को तेज धूप से बचाने के लिए छाया का प्रबंध करें।

  6. खरपतवार नियंत्रण: खेत में खरपतवार को समय-समय पर हटाएं, ताकि पौधों को पूरा पोषण मिले।


मई में खेती के फायदे


मई में खेती करने के कई फायदे हैं:


  • कम प्रतिस्पर्धा: मई में कम किसान खेती करते हैं, इसलिए बाजार में फसलों और सब्जियों की कीमत  अच्छी मिलती है।

  • छोटी अवधि की फसलें: उड़द, चौलाई, और मूली जैसी फसलें जल्दी तैयार हो जाती हैं, जिससे जल्दी  मुनाफा मिलता है।

  • मिट्टी की उर्वरता: अरहर और उड़द जैसी दलहनी फसलें मिट्टी को उपजाऊ बनाती हैं।

  • विविधता: मई में तिल, सूरजमुखी, और कई सब्जियां बोई जा सकती हैं, जिससे किसानों को कई  विकल्प मिलते हैं।


मई में खेती की चुनौतियां और समाधान


मई में खेती करने में कुछ चुनौतियां भी हैं। आइए, इनके समाधान जानते हैं:


  1. चुनौती: तेज गर्मी और पानी की कमी। 


समाधान: ड्रिप सिंचाई का उपयोग करें और सुबह या शाम को पानी दें, ताकि पानी कम बर्बाद हो।


  1. चुनौती: कीट और बीमारियां। 


समाधान: नियमित रूप से खेत की जांच करें और जैविक कीटनाशक का उपयोग करें।


  1. चुनौती: मिट्टी का सूखना। 


समाधान: खेत में नव्यकोष जैविक खाद और गोबर की खाद डालें। इससे मिट्टी नम रहती है।


  1. चुनौती: बीज का खराब होना। 


समाधान: हमेशा अच्छी कंपनी के प्रमाणित बीज खरीदें और बोने से पहले बीज को उपचारित करें।


मई का महीना भले ही गर्मी से भरा हो, लेकिन सही फसल और सही तकनीक से अच्छा मुनाफा कमाया जा  सकता है। 


अरहर, उड़द, टिंडा, और चौलाई जैसी फसलें न केवल आसानी से उगाई जा सकती हैं, बल्कि ये बाजार में  अच्छी कीमत भी देती हैं। 


अगर किसान सही समय पर खेत की तैयारी करें, अच्छे बीज चुनें, और सिंचाई का ध्यान रखें, तो वे मई में भी  खेती से अच्छी कमाई कर सकते हैं।


उम्मीद है कि ऊपर दी गई जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी। मई में खेती से सम्बंधित अधिक जानकारी  हेतु आप नज़दीकी कृषि विशेषज्ञे से संपर्क कर सकते है।

 
 
 

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