अरुणाचल प्रदेश सरकार ने राज्य के किसानों को सशक्त बनाने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए आत्मनिर्भर कृषि योजना (Atma Nirbhar Krishi Yojana - ANKY) शुरू की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है, जिससे किसानों की उत्पादकता और आय में सुधार हो सके।
आत्मनिर्भर कृषि योजना का उद्देश्य
आत्मनिर्भर कृषि योजना का उद्देश्य किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना और उन्हें आधुनिक कृषि तकनीकों से जोड़ना है। इस योजना के तहत किसान वैज्ञानिक भूमि सीढ़ीकरण (Scientific Land Terracing), दोहरी फसल (Double Cropping), कृषि मशीनीकरण (Farm Mechanization) और मधुमक्खी पालन (Apiculture) जैसे कृषि कार्यों के लिए सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
योजना के अंतर्गत वित्तीय सहायता
इस योजना के तहत किसानों को 1.60 लाख रुपये तक का ऋण बिना किसी संपार्श्विक (Collateral) के प्रदान किया जाता है, जिससे वे अपनी कृषि गतिविधियों में निवेश कर सकें। इस ऋण को प्राप्त करने के लिए किसानों को किसी भी संपत्ति को गिरवी रखने की आवश्यकता नहीं होती है, जिससे वित्तीय संसाधनों तक पहुंच आसान हो जाती है।
किसानों को मिलने वाले लाभ
उन्नत कृषि तकनीकें: आत्मनिर्भर कृषि योजना के माध्यम से किसान आधुनिक कृषि तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं, जिससे उनकी उत्पादकता और आय में वृद्धि हो सकती है।
स्वयं का सशक्तिकरण: इस योजना के तहत किसानों को वित्तीय संसाधनों के साथ-साथ तकनीकी सहायता भी प्रदान की जाती है, जिससे वे अपने कृषि कार्यों में सुधार कर सकते हैं और आत्मनिर्भर बन सकते हैं।
विविध फसल उत्पादन: यह योजना किसानों को विभिन्न फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित करती है, जिसमें सेब, कीवी, संतरा, सुपारी, अखरोट और पर्सिमोन जैसी फसलों की खेती शामिल है। इससे किसानों की आय में भी बढ़ोतरी होती है।
महिला किसानों का सशक्तिकरण: आत्मनिर्भर कृषि योजना महिलाओं और स्वयं सहायता समूहों की सदस्याओं को वित्तीय संसाधनों तक पहुंच प्रदान करती है, जिससे वे कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे सकें।
आत्मनिर्भर कृषि योजना के लिए पात्रता
1. इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान को अरुणाचल प्रदेश का निवासी होना आवश्यक है।
2. किसान के पास कृषि कार्यों के लिए आवश्यक भूमि होनी चाहिए।
3. महिला किसान और स्वयं सहायता समूहों के सदस्य भी इस योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं।
4. किसान को अपनी प्रस्तावित कृषि गतिविधियों के लिए एक उचित योजना या प्रस्ताव तैयार करना होगा।
आत्मनिर्भर कृषि योजना के महत्वपूर्ण पहलू
यह योजना केवल कृषि गतिविधियों पर केंद्रित है और गैर-कृषि उद्यमों को इसमें शामिल नहीं किया गया है।
कुछ फसलें या गतिविधियां इस योजना के तहत कवर नहीं की गई हैं। किसानों को योजना की आधिकारिक मार्गदर्शिका से इस बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।
वे किसान जो पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करते हैं या निर्धारित दिशा निर्देशों का पालन नहीं करते हैं, उन्हें इस योजना के लाभों से वंचित किया जा सकता है।
आत्मनिर्भर कृषि योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज़
पहचान प्रमाण पत्र (आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड, आदि)
पता प्रमाण पत्र (राशन कार्ड, बिजली का बिल, ड्राइविंग लाइसेंस, आदि)
भूमि दस्तावेज़ (स्वामित्व प्रमाण या लीज़ समझौता)
बैंक खाता विवरण
पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
आय प्रमाण पत्र
जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
स्वयं सहायता समूह पंजीकरण प्रमाण पत्र (आत्मनिर्भर बागवानी योजना के लिए)
कोई अन्य दस्तावेज़ जो आवेदन पत्र या योजना की मार्गदर्शिका में उल्लिखित हो।
आत्मनिर्भर कृषि योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया
किसानों को निकटतम कृषि या बागवानी विभाग के कार्यालय में जाकर आवेदन पत्र प्राप्त करना होगा।
आवेदन पत्र को सही जानकारी के साथ भरें और आवश्यक दस्तावेज़ों को संलग्न करें।
भरे हुए आवेदन पत्र को संबंधित विभाग के कार्यालय में जमा करें।
विभागीय अधिकारी आवेदन पत्र की जांच करेंगे। सत्यापन के बाद, ऋण राशि या सब्सिडी किसान के बैंक खाते में स्थानांतरित की जाएगी।
इस तरह से आत्मनिर्भर कृषि योजना के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया समापत हो जयेगी।
आत्मनिर्भर कृषि योजना किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उन्हें वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान कर उनके कृषि कार्यों को उन्नत बनाने में मदद करेगी। इस योजना के तहत, अरुणाचल प्रदेश के किसान अपनी कृषि गतिविधियों में आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं और अपने भविष्य को सुरक्षितबना सकते हैं।
ऊपर दी गई जानकारी केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है।
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