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भारत के विकास में गन्ने का योगदान

Updated: Oct 12

Importance of Sugarcane farming in India's Growth

क्या आप जानते हैं कि भारत की सफलता की कहानी में गन्ने का भी एक महत्वपूर्ण स्थान है? भले ही इसे सुर्खियों में न लाया जाता हो, लेकिन गन्ना देश के आर्थिक विकास, किसानों की खुशहाली और पर्यावरण को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। आइए आज हम भारत की सफलता में गन्ने के इस महत्वपूर्ण योगदान के बारे में जानते है।


गन्ने की पैदावार का भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर


भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक देश है। हमारे देश में गन्ना लाखों किसानों की आजीविका का सहारा भी है। गन्ने से मुख्या रूप से चीनी और इथेनॉल का निर्माण किया जाता है। गन्ने से बनी चीनी का निर्यात करके विदेशी मुद्रा की कमाई होती है, जो देश को आर्थिक मजबूती प्रदान करने में मदद करती है।


बीते कुछ वर्षों में भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रायल द्वारा गन्ने से बनने वाले इथेनॉल की पैदावार बढ़ाने के लिए कईं कदम उठाये गए है। इसका एक कारण ये है की गन्ने से बनने वाले इथेनॉल को पेट्रोल में मिलाकर इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे ईंधन आयात कम होता है और पर्यावरण भी स्वच्छ रहता है।


इस कारण से पेट्रोल अथवा डीज़ल को आयात करने के लिए कम विदेशी मुद्रा का इस्तेमाल होता है जिससे अर्थव्यस्था को मजबूती मिलती है। साथ ही इथेनॉल के पेट्रोल में इस्तेमाल से पर्यावरण को भी कम नुक्सान होता है।


किसानों की कमाई में गन्ने का योगदान


भारत के लगभग 5 करोड़ किसान सीधे गन्ने की खेती से जुड़े हुए हैं। सरकार उन्हें उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करती है। जून 2023 में भारत सरकार ने गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹315 प्रति सौ किलोग्राम तय किया था। गन्ने का यह न्यूनतम समर्थन मूल्य पिछली बार से 3.28% जयादा था जो की किसानो को एक स्थिर कमाई देता है।


आधुनिक सिंचाई विधियों और बेहतर बीजों के कारण उत्पादन बढ़ने से किसानों की आय भी बढ़ी है। गन्ने की खोई से गुड़ और कई अन्य उत्पाद बनाए जाते हैं, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करते हैं।


गन्ने की पैदावार का पर्यावरण पर असर


गन्ने की खेती के लिए पानी की जरूरत ज्यादा होती है, लेकिन आधुनिक सिंचाई प्रणालियों से पानी की बचत  होती है। खेतों में सही उर्वरक इस्तेमाल करके मिट्टी की उर्वरता बढ़ाई जाती है। इससे न सिर्फ फसल अच्छी  होती है, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचता। गन्ने से बने इथेनॉल का इस्तेमाल प्रदूषण कम करने में  भी मदद करता है।

 

किसानो के लिए गन्ने की खेती की शुरुआत


अगर आप भी एक किसान है और गन्ने की खेती करना चाहते हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखें। उपजाऊ और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी गन्ने के लिए उपयुक्त होती है। सही समय, उचित दूरी और गहराई पर बीज बोएं।

नियमित सिंचाई करें, लेकिन जलभराव से बचें। खरपतवार निकालें और जरूरत पड़ने पर जैविक कीटनाशकों का इस्तेमाल करें। फसल पकने पर गन्ने की कटाई करें और जल्दी से चीनी मिलों तक पहुंचाएं।


गन्ने की फसल और भारत का भविषीय


भारत सरकार के प्रयासों से गन्ने की फसल पर निर्भर किसानो का भविष्य सुनहरा है। आधुनिक तकनीकों को अपनाकर, टिकाऊ कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देकर और सरकार की सहायता का लाभ उठाकर किसान गन्ने से और अधिक कमाई कर सकते हैं। इससे न सिर्फ देश की आर्थिक तरक्की होगी, बल्कि किसानों की कमाई और जीवन स्तर भी ऊपर उठेगा और पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा। आइए, मिलकर भारत के विकास में गन्ने के इस योगदान की कहानी को और आगे बढ़ाएं।

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