top of page
Search

अम्लीय मिट्टी में कौन सी फसलें और सब्जियां उगाई जा सकती हैं?

  • LCB Fertilizers
  • Feb 12
  • 1 min read

amliya mitti me konsi sabjiyan aur faslen ugai jaye

भारत में अलग-अलग क्षेत्रों में मिट्टी के प्रकार भिन्न होते हैं। अम्लीय मिट्टी (Acidic Soil) उन मिट्टीयों में  आती है जिनका pH स्तर 7 से कम होता है। 


इस प्रकार की मिट्टी प्रायः पूर्वोत्तर भारत, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और केरल के कुछ हिस्सों में पाई जाती है।अम्लीय मिट्टी में खेती करने के लिए सही फसल और सब्जियों का चयन करना बहुत महत्वपूर्ण है।


अम्लीय मिट्टी में कौन सी फसलें उगाई जा सकती हैं?


1. चाय (Tea)


अम्लीय मिट्टी चाय की खेती के लिए अत्यंत उपयुक्त होती है।


  • कारण: चाय की जड़ें ऐसी मिट्टी में अच्छे से पोषक तत्व सोख पाती हैं।

  • मिट्टी की भूमिका: अम्लीय मिट्टी में एल्युमिनियम और लोहे का उचित स्तर होता है, जो चाय के पौधों  की बढ़त में सहायक है।


2. मक्का (Maize)


मक्का भी अम्लीय मिट्टी में अच्छी तरह उगाई जा सकती है।


  • कारण: इसे हल्के अम्लीय से लेकर न्यूट्रल मिट्टी तक उगाया जा सकता है।

  • मिट्टी की भूमिका: यह मिट्टी में नमी को लंबे समय तक बनाए रखने की क्षमता रखती है, जो मक्के  की वृद्धि में सहायक है।


3. चावल (Rice)


चावल मुख्यतः ऐसी मिट्टी में उगाया जाता है जो थोड़ी अम्लीय हो।


  • कारण: अम्लीय मिट्टी जल को धारण करने में सक्षम होती है, जो चावल की जरूरतों को पूरा करता है।

  • मिट्टी की भूमिका: मिट्टी का यह गुण चावल के पौधों की जड़ों को स्थिरता और पोषण देता है।


4. अनानास (Pineapple)


अनानास अम्लीय मिट्टी में फलने-फूलने वाली प्रमुख फसलों में से एक है।


  • कारण: इसे ऐसी मिट्टी पसंद है जिसका pH स्तर 4.5 से 5.5 के बीच हो।

  • मिट्टी की भूमिका: अम्लीय मिट्टी में अनानास के पौधे तेजी से बढ़ते हैं और अधिक मीठे फल देते हैं।


अम्लीय मिट्टी में कौन सी सब्जियां उगाई जा सकती हैं?


1. आलू (Potato)


आलू अम्लीय मिट्टी में अच्छी उपज देता है।


  • कारण: इसे pH 4.5 से 6.0 के बीच की मिट्टी पसंद है।

  • मिट्टी की भूमिका: अम्लीय मिट्टी आलू के कंदों के विकास में मदद करती है।


2. गाजर (Carrot)


गाजर की खेती अम्लीय मिट्टी में सफलतापूर्वक की जा सकती है।


  • कारण: गाजर की जड़ों को मुलायम और थोड़ी अम्लीय मिट्टी पसंद है।

  • मिट्टी की भूमिका: यह मिट्टी गाजर को पोषण और नमी प्रदान करती है।


3. बैंगन (Brinjal)


बैंगन अम्लीय मिट्टी में अच्छी पैदावार देता है।


  • कारण: pH स्तर 5.5 से 6.5 बैंगन के लिए उपयुक्त है।

  • मिट्टी की भूमिका: अम्लीय मिट्टी में मौजूद पोषक तत्व बैंगन के पौधे की वृद्धि में सहायक होते हैं।


4. शलगम (Turnip)


शलगम अम्लीय मिट्टी में उगने वाली सब्जियों में से एक है।


  • कारण: इसे pH 5.5 से 6.0 के बीच की मिट्टी चाहिए।

  • मिट्टी की भूमिका: यह मिट्टी पौधों की जड़ों को मजबूत बनाती है।


अम्लीय मिट्टी में खेती के फायदे


  1. सूक्ष्म पोषक तत्वों की उपलब्धता: अम्लीय मिट्टी में एल्युमिनियम, आयरन और मैंगनीज जैसे सूक्ष्म  पोषक तत्व अधिक मात्रा में होते हैं।

  2. पानी धारण करने की क्षमता: यह मिट्टी पानी को अधिक समय तक रोककर रखती है, जो जल-जमाव  वाली फसलों के लिए उपयुक्त है।

  3. फसल की गुणवत्ता: अम्लीय मिट्टी में उगाई गई फसलें स्वाद और पोषण में अधिक गुणकारी होती हैं।


अम्लीय मिट्टी को सुधारने के तरीके


यदि मिट्टी का pH स्तर अत्यधिक कम है, तो इसे संतुलित करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:


  1. चूना (Lime) का उपयोग: चूना मिट्टी के pH स्तर को बढ़ाकर इसे कम अम्लीय बनाता है।

  2. जैविक खाद का प्रयोग: नव्यकोष जैविक खाद , गोबर की खाद और कम्पोस्ट जैसे जैविक खाद मिट्टी  की संरचना और पोषण को सुधारते हैं।

  3. हरी खाद (Green Manure): हरी खाद मिट्टी में जैविक पदार्थ को बढ़ाती है और pH को संतुलित  करती है।


अम्लीय मिट्टी में चाय, चावल, आलू और गाजर जैसी फसलें और सब्जियां उगाई जा सकती हैं। यह मिट्टी विशेष  रूप से उन पौधों के लिए उपयुक्त है जो हल्के अम्लीय pH स्तर पर पनपते हैं। 


भारतीय किसानों को अपनी मिट्टी की जाँच करवाकर सही फसल का चयन करना चाहिए। साथ ही, जैविक  और प्राकृतिक तरीकों से मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए।


इस प्रकार की खेती न केवल उपज को बढ़ाती है बल्कि पर्यावरण को भी संरक्षित करती है।

 

 
 
 

Comments


bottom of page