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धनिया की खेती कब और कैसे करें सम्पूर्ण जानकारी

dhaniya ki kheti kab aur kaise ki jaati hai ki jaankari

धनिया (Coriander) एक महत्वपूर्ण मसाला फसल है, जो भारत के लगभग हर हिस्से में उगाई जाती है। इसकी खेती किसानों के लिए अतिरिक्त आय का साधन हो सकती है। 


आज हम समझेंगे कि धनिया की खेती कब और कैसे की जाती है, इसका सही मौसम, बोने का समय और  धनिया उगाने के लिए खेत की तैयारी, बीज उपचार, आदि के बारे में भी जानेंगे ।


धनिया बोने का सही समय और मौसम 


धनिया को ठंडे और सुखद मौसम में उगाना सबसे अच्छा माना जाता है। यह फसल गर्मी या अत्यधिक सर्दी  सहन नहीं कर सकती। भारतीय जलवायु के अनुसार, इसे रबी की फसल के रूप में उगाया जाता है।


  • धनिया बुआई का सही समय: अक्टूबर से दिसंबर का महीना धनिया की खेती के लिए सबसे उपयुक्त  होता है।

  • धनिया बुआई के लिए उचित तापमान: धनिया की बुवाई के लिए 20-25 डिग्री सेल्सियस तापमान  सबसे आदर्श है। यह फसल कम पानी और हल्की धूप में अच्छे से बढ़ती है


धनिया की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी और बीज का चुनाव


धनिया बोने का सही समय उस क्षेत्र के मौसम और जलवायु पर निर्भर करता है। फिर भी, मुख्यत: धनिया की  बुवाई अक्टूबर के मध्य से दिसंबर की शुरुआत तक करनी चाहिए।


धनिया की खेती के लिए भूमि की तैयारी:


हल्की दोमट या बलुई मिट्टी धनिया की खेती के लिए सबसे बेहतर होती है। मिट्टी का पीएच स्तर 6.0 से 7.5 के बीच होना चाहिए। बुवाई से पहले खेत की जुताई करें और इसे खरपतवार से मुक्त रखें।


धनिया के बीज का चुनाव और उपचार:


बीजों को चुनते समय उच्च गुणवत्ता और प्रमाणित बीजों का उपयोग करें। बुवाई से पहले बीजों को 24 घंटे पानी में भिगोकर रखने से अंकुरण जल्दी होता है।


बीजों को फफूंदरोधी दवा जैसे थायरम से उपचारित करें। धनिया की कुछ उन्नत किस्मों के बीजों के नाम इस प्रकार है – आरसीआर 41, आरसीआर 435, और पंत धनिया 1


धनिया कितने दिन में उगता है?


धनिया के बीज को अंकुरित होने में आमतौर पर 7-10 दिन लगते हैं।


  • पूर्ण विकास: फसल को तैयार होने में 90-120 दिन का समय लगता है।

  • जल प्रबंधन: धनिया के बीज बोने के बाद हल्की सिंचाई करें। इसके बाद हर 7-10 दिन पर सिंचाई की  आवश्यकता होती है।

  • खाद और उर्वरक: नव्यकोष जैविक खाद का उपयोग करें। नव्यकोष जैविक खाद धनिया के पौधे को आवशयक पोषक तत्व उचित मात्रा में उपलब्ध करवाएगी जिससे धनिया की फसल अच्छी होगी।


धनिया की बुवाई की विधि


धनिया के बीजों को छिटकाव या कतार में बो सकते हैं। कतारों के बीच 20-25 सेंटीमीटर की दूरी रखें। बीजों को 2-3 सेंटीमीटर गहराई पर बोएं।


धनिया की खेती में सिंचाई प्रबंधन


बुवाई के बाद पहली सिंचाई तुरंत करें। इसके बाद, मौसम और मिट्टी की नमी के आधार पर 7-10 दिन के  अंतराल पर सिंचाई करें।


धनिया के लिए निराई-गुड़ाई करना


खरपतवार को हटाने के लिए 2-3 बार निराई करें। पहली निराई बुवाई के 20-25 दिन बाद करें।


धनिया की खेती में रोग और कीट नियंत्रण करना


धनिया की फसल में पत्ती झुलसा, झुलसा रोग, और पाउडरी मिल्ड्यू रोग हो सकते हैं। इनसे बचाव के लिए  नीम का तेल या उचित जैविक कीटनाशक का उपयोग करें। समय-समय पर फसल का निरीक्षण करें।


धनिया की कटाई और पैदावार

धनिया की कटाई सही समय पर करना बहुत महत्वपूर्ण है।


  1. धनिया की कटाई का सही समय:

    • धनिया की पत्तियों के लिए: बुवाई के 30-40 दिन बाद पत्तियां काटी जा सकती हैं।

    • धनिया के बीजों के लिए: जब पौधा पूरी तरह पक जाए और बीज हल्के भूरे रंग के हो जाएं

  2. धनिया की पैदावार:

    • एक हेक्टेयर भूमि से 10-15 क्विंटल धनिया के बीज प्राप्त किए जा सकते हैं।

    • पत्तियों की फसल से 20-30 क्विंटल पत्तियां मिल सकती हैं।


धनिया की खेती के फायदे


  1. कम लागत में अधिक लाभ: धनिया की खेती में कम लागत लगती है, लेकिन मुनाफा अच्छा मिलता है।

  2. कम समय में तैयार: धनिया की पत्तियां 30-40 दिन में तैयार हो जाती हैं।

  3. बाजार में अच्छी मांग: धनिया मसाले और हरी पत्तियों के रूप में हर समय बाजार में मांग में रहता है।


धनिया की खेती किसानों के लिए एक लाभदायक व्यवसाय हो सकती है। सही मौसम, समय और तकनीक का  उपयोग करके आप इसकी पैदावार बढ़ा सकते हैं। 


धनिया की खेती कब और कैसे की जाती है, यह समझकर भारतीय किसान अपनी आय में सुधार कर  सकते हैं। धनिया को सही तरीके से उगाने से न केवल आर्थिक लाभ होगा, बल्कि यह जैविक खेती को भी  प्रोत्साहित करेगा। 


आशा है, आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी से धनिया की खेती करने में सहायता प्राप्त होगी।

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