गेहूं की कटाई कब और कैसे करें और क्या सावधानियाँ रखें
- LCB Fertilizers
- Apr 9
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गेहूं भारत के किसानों के लिए सबसे महत्वपूर्ण फसलों में से एक है। यह रबी मौसम की मुख्य फसल है, जिसकी कटाई सही समय पर और सही तरीके से करना बहुत जरूरी है। अगर गेहूं की कटाई सही ढंग से न की जाए, तो किसानों को नुकसान हो सकता है।
आज हम जानेंगे कि गेहूं की कटाई कब और कैसे करें, भारतीय मौसम के हिसाब से गेहूं की कटाई किस महीने में करनी चाहिए, और इस दौरान क्या सावधानियाँ रखनी चाहिए। साथ ही, हम गेहूं काटने के लिए हाथ वाली मशीन और गेहूं काटने के लिए ट्रैक्टर वाली मशीन के बारे में भी जानकारी देंगे, उनकी कीमत सहित।
गेहूं की कटाई कब होती है?
भारत में गेहूं की कटाई का समय मौसम और क्षेत्र पर निर्भर करता है। आमतौर पर गेहूं की बुवाई अक्टूबर से दिसंबर के बीच होती है, और यह फसल 120 से 150 दिनों में तैयार हो जाती है। इसका मतलब है कि गेहूं की कटाई मार्च से मई के महीनों में होती है।
उत्तर भारत (जैसे पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान): यहाँ गेहूं की कटाई मार्च के अंत से अप्रैल तक होती है। इस समय तापमान 25-35 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है, जो कटाई के लिए सही होता है।
मध्य भारत (जैसे मध्य प्रदेश, गुजरात): यहाँ कटाई अप्रैल से शुरू होकर मई तक चलती है।
दक्षिण भारत: कुछ इलाकों में जहाँ गेहूं उगाया जाता है, वहाँ मई की शुरुआत में कटाई होती है।
संकेत: गेहूं की कटाई तब शुरू करनी चाहिए जब गेहूं के दाने सख्त हो जाएँ और नमी का स्तर 14-20% के बीच हो। अगर पौधे का रंग सुनहरा हो गया हो और पत्तियाँ सूखने लगी हों, तो समझ लें कि फसल तैयार है।
गेहूं की कटाई किस महीने में होती है?
गेहूं की कटाई का सही महीना मार्च, अप्रैल और मई है। लेकिन यह आपके खेत की मिट्टी, गेहूं की किस्म, और मौसम पर भी निर्भर करता है।
मार्च: उत्तर भारत के ज्यादातर इलाकों में मार्च के आखिरी हफ्ते से कटाई शुरू हो जाती है। इस समय मौसम गर्म होने लगता है, और बारिश की संभावना कम होती है।
अप्रैल: अप्रैल महीना गेहूं कटाई का सबसे व्यस्त महीना है। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में अप्रैल में बड़े पैमाने पर कटाई होती है।
मई: मध्य और दक्षिण भारत में मई की शुरुआत तक कटाई पूरी हो जाती है। इस समय गर्मी बढ़ जाती है, इसलिए सुबह या शाम को कटाई करना बेहतर होता है।
किसानों को सलाह है कि मौसम का ध्यान रखें। अगर बारिश की संभावना हो, तो गेहूं की कटाई को जल्दी शुरू कर दें, ताकि फसल खराब न हो।
गेहूं की कटाई कैसे करें?
गेहूं की कटाई दो तरीकों से की जा सकती है: हाथ से और मशीन से। दोनों तरीकों के अपने फायदे और नुकसान हैं। इन तरीकों के बारे में विस्तार से जानकारी निचे दी गई है:
1. हाथ से गेहूं की कटाई
यह पारंपरिक तरीका है, जो छोटे किसानों के बीच अभी भी लोकप्रिय है। इसमें दरांती (हँसिया) का इस्तेमाल किया जाता है।
हाथ से गेहूं की कटाई कैसे करें:
सुबह जल्दी या शाम को कटाई शुरू करें, जब मौसम ठंडा हो।
दरांती (हँसिया) से गेहूं के पौधों को जड़ से 5-7 सेंटीमीटर ऊपर से काटें।
कटे हुए पौधों को छोटे-छोटे बंडल में बाँध लें।
इन बंडलों को खेत में सूखने के लिए 2-3 दिन तक छोड़ दें।
सूखने के बाद थ्रेसिंग (दाने निकालना) करें। इसके लिए बैल या थ्रेशर मशीन का इस्तेमाल कर सकते हैं।
हाथ से गेहूं कटाई के फायदे:
छोटे खेतों के लिए आसान।
मशीन खरीदने की जरूरत नहीं।
कम खर्चा।
हाथ से गेहूं कटाई के नुकसान:
समय ज्यादा लगता है।
मजदूरों की जरूरत पड़ती है, जो आजकल मुश्किल से मिलते हैं।
2. मशीन से गेहूं की कटाई
आजकल मशीनों का चलन बढ़ गया है, क्योंकि यह समय और मेहनत दोनों बचाती है। दो मुख्य मशीनें हैं: हाथ वाली मशीन और ट्रैक्टर वाली मशीन।
गेहूं काटने वाली मशीन हाथ वाली और इसकी कीमत
हाथ वाली मशीन छोटे और मध्यम किसानों के लिए बहुत उपयोगी है। इसे ब्रश कटर या हैंड रीपर भी कहते हैं।
कैसे काम करती है:
यह मशीन पेट्रोल या डीजल से चलती है।
इसे एक व्यक्ति कंधे पर बेल्ट से लटकाकर चलाता है।
इसमें तेज ब्लेड होते हैं, जो गेहूं को तेजी से काटते हैं।
कटाई के बाद गेहूं को खेत में बिछा देती है, जिसे बाद में इकट्ठा करना पड़ता है।
हाथ वाली गेहूं काटने की मशीन की कीमत:
बाजार में इसकी कीमत 6,000 रुपये से 15,000 रुपये तक होती है।
कुछ अच्छी कंपनियों (जैसे किसान क्रॉप कटर) की मशीन 20,000 रुपये तक भी मिलती है।
फायदे:
सस्ती और हल्की होती है।
छोटे खेतों के लिए सही।
1 घंटे में 1-2 बीघा फसल काट सकती है।
नुकसान:
बड़े खेतों के लिए धीमी।
इसे चलाने में थोड़ी मेहनत लगती है।
गेहूं काटने वाली मशीन ट्रैक्टर वाली और इसकी कीमत
ट्रैक्टर वाली मशीन बड़े किसानों के लिए बनाई गई है। इसे रीपर बाइंडर या कंबाइन हार्वेस्टर कहते हैं।
कैसे काम करती है:
यह ट्रैक्टर से जुड़कर चलती है।
फसल को काटने के साथ-साथ बंडल बनाती है या सीधे दाने अलग कर देती है (कंबाइन हार्वेस्टर में)।
बड़े खेतों में तेजी से काम पूरा करती है।
ट्रैक्टर वाली गेहूं काटने की मशीन की कीमत:
ट्रैक्टर रीपर बाइंडर: 50,000 रुपये से 3 लाख रुपये तक।
कंबाइन हार्वेस्टर: 10 लाख रुपये से 50 लाख रुपये तक।
कीमत मशीन के साइज और फीचर्स पर निर्भर करती है।
फायदे:
1 घंटे में 1-5 एकड़ फसल काट सकती है।
मजदूरों की जरूरत नहीं।
समय और मेहनत की बचत।
नुकसान:
महँगी होती है।
छोटे खेतों के लिए जरूरत से ज्यादा।
गेहूं की कटाई में क्या सावधानियां रखें?
गेहूं की कटाई के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, ताकि फसल खराब न हो और किसान को पूरा फायदा मिले। यहाँ कुछ आसान सावधानियाँ दी गई हैं:
सही समय चुनें:
फसल को बहुत जल्दी या बहुत देर से न काटें। अगर दाने नरम हों, तो नमी ज्यादा होगी और अनाज खराब हो सकता है। अगर बहुत देर करें, तो दाने झड़ सकते हैं।
मौसम का पूर्वानुमान देखें। बारिश होने से पहले कटाई पूरी कर लें।
उपकरणों की जाँच:
दरांती या मशीन के ब्लेड तेज होने चाहिए। कुंद ब्लेड से फसल ठीक से नहीं कटेगी।
मशीन में तेल और ईंधन की जाँच पहले कर लें।
सुरक्षा का ध्यान:
मशीन चलाते समय दस्ताने और जूते पहनें।
बच्चों को मशीन से दूर रखें।
हाथ वाली मशीन को ज्यादा देर तक चलाने से बचें, थोड़ा आराम करें।
फसल को सुखाना:
कटाई के बाद गेहूं को 2-3 दिन खेत में सूखने दें। अगर बारिश की संभावना हो, तो इसे ढक दें।
नमी ज्यादा होने पर अनाज में फफूंद लग सकती है।
भंडारण:
थ्रेसिंग के बाद अनाज को साफ करें और सूखी जगह पर रखें।
बोरे में भरने से पहले नमी 12% से कम होनी चाहिए।
गेहूं की कटाई में मशीनों का फायदा
आज के समय में मजदूरों की कमी और समय की बचत के लिए मशीनें बहुत जरूरी हो गई हैं। यहाँ कुछ कारण हैं कि मशीनें क्यों फायदेमंद हैं:
तेजी: हाथ से 1 एकड़ कटाई में 5-10 मजदूरों को पूरा दिन लगता है, जबकि मशीन 1-2 घंटे में यह काम कर देती है।
लागत में बचत: मजदूरों की मजदूरी महँगी हो रही है। मशीन एक बार खरीदने के बाद लंबे समय तक चलती है।
कम मेहनत: किसान को खुद मेहनत नहीं करनी पड़ती, खासकर ट्रैक्टर वाली मशीन में।
सब्सिडी: सरकार मशीन खरीदने पर 50-75% तक सब्सिडी देती है। इसके बारे में अधिक जानकरी के लिए अपने जिले के कृषि विभाग से संपर्क करें।
गेहूं काटने की मशीन खरीदने से पहले क्या देखें?
अगर आप गेहूं काटने की मशीन खरीदना चाहते हैं, तो इन बातों का ध्यान रखें:
खेत का साइज: छोटे खेत के लिए हाथ वाली मशीन और बड़े खेत के लिए ट्रैक्टर वाली मशीन लें।
बजट: अपनी जेब के हिसाब से मशीन चुनें। सस्ती मशीनें भी अच्छा काम करती हैं।
सर्विस: मशीन की मरम्मत और पार्ट्स आसानी से मिलने चाहिए।
ईंधन खपत: कम तेल खाने वाली मशीन चुनें, जैसे 1 लीटर में 4 बीघा काटने वाली।
गेहूं की कटाई के बाद क्या करें?
कटाई के बाद फसल को सही तरीके से संभालना भी जरूरी है। यहाँ कुछ कदम हैं:
थ्रेसिंग: दाने निकालने के लिए थ्रेशर का इस्तेमाल करें। यह मशीन भी किराए पर मिलती है।
सफाई: हवा से भूसा और कचरा अलग करें।
बिक्री: सरकार MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर गेहूं खरीदती है। नजदीकी मंडी या FCI सेंटर पर संपर्क करें।
भूसे का इस्तेमाल: भूसे को पशुओं के चारे के लिए रखें या बेच दें।
गेहूं की कटाई भारतीय किसानों के लिए एक बड़ा काम है, लेकिन सही समय, तरीके और सावधानियों से इसे आसान बनाया जा सकता है।
गेहूं की कटाई मार्च से मई के बीच होती है, और इसे हाथ से या मशीन से किया जा सकता है।
हाथ वाली मशीन सस्ती और छोटे खेतों के लिए सही है, जबकि ट्रैक्टर वाली मशीन बड़े खेतों के लिए समय बचाती है।
मौसम का ध्यान रखें, उपकरणों का सही इस्तेमाल करें, और फसल को सुरक्षित रखें। अगर आप मशीन खरीदना चाहते हैं, तो सरकार की सब्सिडी का फायदा जरूर लें। उम्मीद है, हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपके लिए मददगार साबित होगा।
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