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हिम कुक्कुट पालन योजना के लिए पात्रता, लाभ एवं आवेदन का तरीका

  • LCB Fertilizers
  • Aug 24, 2024
  • 1 min read

Updated: Oct 21, 2024

Him Kukkut Palan Yojna benfits and eligibility criteria along with application processs

हिमाचल प्रदेश सरकार ने हिम कुक्कुट पालन योजना की शुरुआत की है, जो राज्य के किसानों और उद्यमियों  को मुर्गी पालन के लिए सब्सिडी प्रदान करती है। यह योजना मुख्य रूप  से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर  बढ़ाने और किसानों की आय को दोगुना करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। 


मुर्गी पालन को एक लाभकारी व्यवसाय के रूप में प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने इस योजना के तहत कई सुविधाएं और लाभ प्रदान किए हैं। 


आज हम आपको हिम कुक्कुट पालन योजना के लाभ, उद्देश्य, पात्रता और आवेदन प्रक्रिया आदि विस्तार से बताएँगे।


हिम कुक्कुट पालन योजना का उद्देश्य


  1. किसानों की आय में वृद्धि: मुर्गी पालन को फसल उत्पादन के साथ-साथ एक मिश्रित कृषि के रूप में  देखा जा रहा है, जिससे किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है।

  2. रोजगार के अवसर बढ़ाना: ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों की कमी को ध्यान में रखते हुए, यह  योजना उन्हें नए और स्थायी रोजगार के अवसर प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।

  3. उच्च गुणवत्ता वाली खाद का उत्पादन: मुर्गी पालन के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाली खाद का उत्पादन  संभव है, जो कृषि के लिए अत्यधिक लाभकारी हो सकता है।


हिम कुक्कुट पालन योजना के लाभ


  1. पूंजी निवेश पर सब्सिडी: इस योजना के तहत सरकार द्वारा पूंजी निवेश पर सब्सिडी  प्रदान की  जाती है। अनुसूचित जाति/जनजाति और सामान्य वर्ग के लाभार्थियों के लिए, कुल पूंजी निवेश पर 60% सब्सिडी  दी जाएगी, जबकि शेष 40% लाभार्थी या बैंकों द्वारा प्रदान किया जाएगा।

  2. चूजों की चरणबद्ध आपूर्ति: योजना के तहत 3000 चूजों की एक बार में आपूर्ति संभव नहीं होने पर, 1000 चूजों की किस्तों में आपूर्ति की जा सकती है।


हिम कुक्कुट पालन योजना के लिए पात्रता मानदंड


  1. लाभार्थी को हिमाचल प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए।

  2. अनुसूचित जाति/जनजाति या सामान्य वर्ग के किसान जिन्होंने सरकारी मुर्गी फार्म से मुर्गी पालन का  प्रशिक्षण लिया है, वे इस योजना के पात्र हैं।

  3. इस योजना के तहत प्रतिवर्ष लगभग 100 किसानों को सहायता प्रदान की जाएगी।

  4. वे पोल्ट्री ब्रीडर्स जिन्हें विभाग की ओर से पिछले दो वर्षों से अलग-अलग व्यवसायिक ब्रोइलर योजनाओं  के तहत सहायता प्रदान की गई है, वे इस योजना के लिए भी आवेदन कर सकते हैं, बशर्ते कि वे योजना  को सफलतापूर्वक चला रहे हों और स्थापित इकाई अभी भी व्यावहारिक हो।

  5. लाभार्थी ने पहले किसी व्यवसायिक ब्रोइलर योजना के तहत कोई ऐसा लाभ नहीं लिया हो। अगर उसने  पहले लाभ लिया है और योजना को जारी नहीं रखा है, तो उसे योजना की पूरी राशि ब्याज सहित वापस  करनी होगी।

  6. लाभार्थी को उस भूमि पर मालिकाना हक/कब्जा साबित करने वाले प्रमाणित/प्रमाणीकृत दस्तावेजों की प्रति प्रस्तुत करनी होगी, जिस पर शेड का निर्माण किया गया है/किया जाना है।

  7. शेड एवं स्टोर के निर्माण के लिए सब्सिडी प्राप्त करने के लिए, लाभार्थी को संबंधित ब्लॉक/एच.पी.पी.डब्ल्यू.डी उप-मंडल के जूनियर इंजीनियर या उससे ऊपर के अधिकारी द्वारा सत्यापित पूर्णता  प्रमाणपत्र जमा करना होगा।


हिम कुक्कुट पालन योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज


  1. आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड आदि जैसे पहचान पत्र।

  2. बैंक पासबुक की प्रति।

  3. शेड निर्माण का अनुमान (अगर शेड का निर्माण नहीं हुआ है)।

  4. शेड निर्माण का प्रमाण (अगर शेड का निर्माण हो चुका है)।

  5. बेरोजगारी प्रमाण पत्र।

  6. बीपीएल प्रमाण पत्र।

  7. प्रशिक्षण प्रमाण पत्र।

  8. जाति प्रमाण पत्र (अगर अनुसूचित जाति/जनजाति से संबंधित हैं)।


हिम कुक्कुट पालन योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया


  1. सबसे पहले, हिमाचल प्रदेश सरकार के संबंधित विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। (https://hpahdbt.hp.gov.in/Home/Him_Kukkut_Palan_Yojna)

  2. "हिम कुक्कुट पालन योजना" के लिए आवेदन पत्र खोजें।

  3. योजना के दिशा-निर्देशों और पात्रता मानदंड को ध्यान से पढ़ें। आगे बढ़ने के लिए शर्तों और नियमों से  सहमत होकर 'Proceed' पर क्लिक करें।

  4. "New Registration" पर क्लिक करें और योजना के लिए आवेदन पत्र भरें। (https://hpahdbt.hp.gov.in/Home/RegistrationFormHimkukkut)

  5. बीपीएल प्रमाण पत्र, बैंक खाता विवरण आदि जैसे आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें।

  6. आवेदन पत्र जमा करने के लिए, 'Submit' पर क्लिक करें।

  7. आवेदन की स्थिति की जांच करें और आवेदन की स्थिति को ट्रैक करने के लिए संबंधित विभाग के साथ फॉलो अप करें।


नोट 01: भविष्य के संदर्भ के लिए किसानों को आवेदन पत्र और जमा किए गए दस्तावेजों की एक प्रति रखना  महत्वपूर्ण है।


नोट 02: किसानों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे योजना के लाभों के लिए पात्र होने के लिए योजना  के दिशा-निर्देशों और विनियमों का पालन करें।


इस तरह से हिम कुक्कुट पालन योजना के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया समापत हो जयेगी।


हिम कुक्कुट पालन योजना हिमाचल प्रदेश के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जो उन्हें मुर्गी पालन के  क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने और अपनी आय में वृद्धि करने का अवसर प्रदान करती है। यह योजना न केवल  किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार करेगी, बल्कि राज्य में पोषण स्तर को भी बेहतर बनाएगी। 


किसानों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए आगे आना चाहिए और राज्य के विकास में अपना योगदान देनाचाहिए।


ऊपर दी गई जानकारी केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है।

 
 
 

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