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टमाटर की खेती कब और कैसे करें सम्पूर्ण जानकारी

Updated: Oct 21, 2024

Tamatar ki kheti kab aur kaise kren

टमाटर की खेती एक महत्वपूर्ण फसल है जो पूरे देश में लोकप्रिय है। अगर आप भी टमाटर की खेती करना  चाहते हैं, तो आज हम आपको बताएंगे कि टमाटर की खेती कब और कैसे करनी चाहिए।


टमाटर की खेती के लिए सही समय


टमाटर की खेती के लिए सही समय का चयन करना बहुत जरूरी है। टमाटर की खेती आमतौर पर तीन मौसमों में की जाती है:


  1. खरीफ (जून-जुलाई): इस समय में बारिश का मौसम होता है, जिससे मिट्टी में नमी बनी रहती है। यह  समय टमाटर की खेती के लिए उपयुक्त होता है।

  2. रबी (अक्टूबर-नवंबर): रबी के मौसम में तापमान कम होता है, जो टमाटर की खेती के लिए अनुकूल  होता है। इस समय में फसल की वृद्धि अच्छी होती है।

  3. ज़ायद (फरवरी-मार्च): इस समय तापमान सामान्य होता है और फसल की अच्छी बढ़ोतरी होती है।


टमाटर की खेती के लिए सही मिट्टी और जलवायु चुनना


टमाटर की खेती के लिए हल्की दोमट या बलुई मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। मिट्टी का pH मान 6.0 से 7.0 के बीच होना चाहिए।


टमाटर की अच्छी पैदावार के लिए तापमान 20-25°C के बीच होना चाहिए। बहुत अधिक गर्मी या ठंड  टमाटर की खेती के लिए नुकसानदायक हो सकती है।


टमाटर की खेती के लिए उपयुक्त किस्में


भारत में कई प्रकार की टमाटर की किस्में होती हैं जो अलग-अलग मौसम और क्षेत्रों में उगाई जाती हैं।कुछ प्रमुख किस्में हैं:


  1. पूसा रूबी

  2. पूसा अर्ली ड्वार्फ

  3. पूसा 120

  4. आर्का विकास

  5. आर्का अभिजीत


इनमें से किसी भी किस्म का चयन करने से पहले स्थानीय कृषि विशेषज्ञ से सलाह लेना चाहिए।


टमाटर के बीज की तैयारी और बुवाई का सही तरीका


बीज की तैयारी और बुवाई का सही तरीका अपनाना बहुत महत्वपूर्ण है:


  1. बुवाई से पहले बीजों को फफूंदनाशक से उपचारित कर लेना चाहिए ताकि रोगों से बचाव हो सके।

  2. बीज उपचार के बाद नर्सरी बेड में अच्छी मिट्टी और गोबर की खाद मिलाकर बीज बोएं। बीज बोने  के 4-6 हफ्ते बाद पौधे तैयार हो जाते हैं।

  3. पौधों को मुख्य खेत में रोपने से पहले मिट्टी को अच्छी तरह जोतकर तैयार कर लेना चाहिए। पौधों के  बीच 60-75 सेंटीमीटर की दूरी रखनी चाहिए।


टमाटर की खेती के लिए खाद और सिंचाई प्रबंधन


टमाटर की खेती के लिए उचित मात्रा में खाद और सिंचाई की आवश्यकता होती है:


  1. खाद: खेत तैयार करते समय प्रति एकड़ 10-12 टन गोबर की खाद मिलानी चाहिए। इसके अलावा  एल.सी.बी फ़र्टिलाइज़र्स द्वारा निर्मित नव्यकोष आर्गेनिक खाद का उपयोग भी किया जा सकता  है।रासायनिक खादों के उपयोग से बचें।

  2. सिंचाई: टमाटर के पौधों को नियमित रूप से सिंचाई की आवश्यकता होती है। गर्मी के मौसम में हर  4-5 दिन और सर्दी में 10-15 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें।


टमाटर के पौधे की देखभाल का सही तरीका


टमाटर की फसल को कीटों और बीमारियों से बचाने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:


  1. कीट नियंत्रण: सफेद मक्खी, चेपा, और फल छेदक कीट टमाटर के प्रमुख दुश्मन हैं। इनसे बचाव के लिए जैविक कीटनाशकों का प्रयोग करें।

  2. रोग नियंत्रण: टमाटर में पत्तियों का पीला पड़ना, तना गलन, और फल सड़न जैसी बीमारियां हो  सकती हैं। इनसे बचने के लिए रोग प्रतिरोधी किस्मों का चयन करें और समय-समय पर  फफूंदनाशकों का छिड़काव करें।


टमाटर की तुड़ाई और भंडारण का सही तरीका


टमाटर की तुड़ाई तब करें जब फल पूर्णतः पके हुए हों। तुड़ाई के बाद टमाटरों को ठंडी और हवादार जगह  पर रखें। यदि आप टमाटर को लंबे समय तक सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो इन्हें 10-12°C तापमान पर स्टोर  करें।


ऊपर दी गई जानकारी का पालन करके आप भी टमाटर की सफल खेती कर सकते हैं।

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